अब तो खतम राशन सारों, अब कैसे होवें गुजारो।। अब तो खतम राशन सारों, अब कैसे होवें गुजारो।।
मालिक मकान न यूँ आता नोटिस न यूँ पकड़ाता मालिक मकान न यूँ आता नोटिस न यूँ पकड़ाता
तू बजट से उम्मीद को छोड़ दे, खुद को बना नव दीप प्रकाश है। तू बजट से उम्मीद को छोड़ दे, खुद को बना नव दीप प्रकाश है।
बजट आने से पहले ही दिख जाता है इसका असर। बजट आने से पहले ही दिख जाता है इसका असर।
तुम कितनी सुलझी हुई हो ना, जैसे की कोई रेशम का धागा, कितना भी करो हमेशा सुलझा। तुम कितनी सुलझी हुई हो ना, जैसे की कोई रेशम का धागा, कितना भी करो हमेशा सुलझा।
मुझे मंत्री नहीं सीधे मुख्यमंत्री बनाते हैं। मैं शपथ ले रहा हूँ, मुख्यमंत्री बनकर बड़ मुझे मंत्री नहीं सीधे मुख्यमंत्री बनाते हैं। मैं शपथ ले रहा हूँ, मुख्यमंत्...